Monday, February 21, 2011

जायज मांग है कलमाड़ी की !

कलमाड़ी ने कहा है कि उसके के पास तो बस पांच पर्तिसत भुगतान का ही पॉवर था परन्तु पिच्यानवे पर्तिसत का पॉवर तो अन्य एजिंसियो के पास था, तो अब कॉमनवेल्थ घोटाले की जांच भी जेपीसी से करवाई जनि चाहिए.
सच पूछो तो हमे तो कलमाड़ी पर दया आने लगी है, कि भैया खाया तो सभी ने है,
फिर बेचारे इस अकेले पंछी को ही क्यों परेसान किया जा रहा है,
पर सच बताएं इस देश में भैया चूहे पर तो पिंजरे लगा दिए जाते है, पर बिल्ली के गले में घंटी कौन बंधे.
सच तो ये है कि कलमाड़ी तो एक छोटा सा चूहा है, कॉमनवेल्थ घोटाले के जहाज का, असली बिल्लियाँ और गीदड़ तो अभी तक बाकि बचे हुए है, खेल मंत्री, दिल्ली कि मुख्यमंत्री, डीडीए के चेयरमैन, खेल संघो के चेयरमैन आदि भी तो सामिल थे इस नोटंकी में, फिर उनको क्यों नहीं पकड़ा जा रहा है, इस देश में ऊँचे पदों पर बैठे लोग अक्सर बच जाते है, और निचे कि मुर्गियां फंस जाती है.
कलमाड़ी ने अब सच ही कहा है कि इस कॉमनवेल्थ घोटाले कि जांच  जेपीसी  से ही होनी चाहिए.
मनोज चारण.

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