नमस्कार !
क्या हो रहा है मेरे देश को ? ये देश अपनी प्राणवायु क्यों खोता जा रहा है, समझ में नहीं आ रहा है, कहाँ गयी इसकी जीवनदायनी शक्ति. देश को रोज किसी न किसी बात पर शर्मिंदा होना पड़ रहा है. फिर चाहे वो घोटाले हो या फिर तिरंगे को फहराने की बात. इस देश का सविधान क्या सिर्फ चाँद लोगो क लिए ही बना है. क्या इस देश में हिन्दू होना अपराध हो गया है. जिसे देखो सेकुलरवाद के नाम पर हिन्दुओ को गली देने पर लगा है. सोचना पड़ेगा की शायद इस देश में हिन्दू होना और हिन्दुत्व की बात करना भी आपराध हो गया है. हे भगवन बचो मेरे देश को.
मनोज चारण.
क्या हो रहा है मेरे देश को ? ये देश अपनी प्राणवायु क्यों खोता जा रहा है, समझ में नहीं आ रहा है, कहाँ गयी इसकी जीवनदायनी शक्ति. देश को रोज किसी न किसी बात पर शर्मिंदा होना पड़ रहा है. फिर चाहे वो घोटाले हो या फिर तिरंगे को फहराने की बात. इस देश का सविधान क्या सिर्फ चाँद लोगो क लिए ही बना है. क्या इस देश में हिन्दू होना अपराध हो गया है. जिसे देखो सेकुलरवाद के नाम पर हिन्दुओ को गली देने पर लगा है. सोचना पड़ेगा की शायद इस देश में हिन्दू होना और हिन्दुत्व की बात करना भी आपराध हो गया है. हे भगवन बचो मेरे देश को.
मनोज चारण.
No comments:
Post a Comment