Friday, February 26, 2016









सभी को सादर जैश्री हिंगलाज ! 

                                      आज 26 फरवरी है, देश के एक महान क्रांतिकारी और विलक्षण व्यक्तित्व वीर सावरकर की पुण्य-तिथि है। क्या हमे याद है ? नहीं, तो क्यों नहीं ? क्योंकि हमे हमेशा यही बताया गया कि, वीर सावरकर का भारतीय क्रांति में योगदान नहीं के बराबर था, जिस सेल्यूलर जेल में उन्हे कोल्हू मे बैल कि जगह जोता गया, उस जेल से उनके नाम कि पट्टिका तक पीछे कि सरकार के एक मंत्री ने हटा दी। क्यों? देश को उस महान हुतात्मा को बार-बार प्रणाम करना चाहिए जिसने अपनी ज़िंदगी में दो बार काले-पानी कि सजा को भोगा। वीर सावरकर ही वो पहले हिंदुस्तानी थे जिन्होने सन्न सत्तावन कि क्रांति को भारत का प्रथम स्वाधीनता संग्राम बताया था, जिस तथाकथित इतिहासकार मात्र सैनिक विद्रोह कह कर अस्वीकार करते है। 
                           ऐसी पुण्यात्मा को मेरा वंदन और बार बार प्रणाम।


                                                                                शेष फिर कभी ..................................। 


मनोज चारण (गाडण)  "कुमार"
लिंक रोड, रतनगढ़ (चूरु) 
मो. 9414582964