Monday, February 14, 2011

कब फसेंगे मगरमच्छ डीआरआइ के जाल में !

राहत अली को गिरफ्तार कर लिया और जब्त कर लिए गए एक लाख से भी ज्यादा डोलर,
भाई ये बात तो सरफरोश फिल्म में आमिरखान पहले ही साबित कर चुके है की पाकिस्तानी
कलाकार हिंदुस्तान को सिर्फ एक कोठा मानते है, फर्क सिर्फ इतना है कि, कोठे पर बैठने वाली
वेश्याओं को हम गन्दी और नफरत भरी निगाहों से देखते है और इन कलाकारों को सर आँखों
पर बिठाते है,
क्यों आखिर भारत में कलाकारों कि कमी है क्या, क्या लता, रफ़ी, किशोर, मुकेश, सुरैया, मन्नादा, महेंद्रकपूर,
पंकज उदास, सोनू निगम, अभिजीत, दलेर, हंसराज, जगजीतसिंह आदि कलाकार की श्रेणी में नहीं
आते क्या ?
फिर क्यों बावले हो रहे है हम इन पाकिस्तानी लुटेरों के पीछे. माना की कलाकार एक साझी
विरासत होते है, पर जब एक धर्म विशेस पर एमएफ हुसैन नंगी तस्वीरे बनाता है तो फिर सोचना पड़ता
है जी की सायद कलाकार भी अब साम्प्रदायिक हो गए है,
खैर ये तो बात थी और पर क्या राहत को पकड़ना ही असली मुजरिमों को पकड़ना है, कब तक राजा,
कलमाड़ी, चौहान, येदियुरप्पा, मारन, करुना जैसे बड़े मगरमच्छ जाल से बाहर रहेंगे.
इन बड़े मगरमच्छो के लिए जाल भी मजबूत होना चाहिए और मछुआरा भी.
प्रधानमंत्री जी से देश को बड़ी आशाएं है, कि सायद वे कुछ मिशाल रखेंगे. देश के सामने ईमानदारी कि,
देश को बड़ी उम्मीदे है इनसे.
तो प्रधानमंत्रीजी उठो और देश को दिशा दीजिये प्लीज हमे आप पर बेहद आशा है,
मनोज चारण.

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