मोहाली में मैदान तैयार हो गया है, रणभेरियाँ बज उठी है, अब तो बस कोलाहल मचने को बाकि रहा है, कुछ ऐसा ही मंजर है, इस वक्त भारत का और अपने पडोसी पाक का भी. पता नहीं क्यों ऐसे लग रहा है कि, जैसे इस क्रिकेट मैच को कारगिल कि अंतिम जंग मान बैठे है, सब. तभी तो मिडिया, समाचार पत्र, सटोरिये, दर्सक, राजनेता, अफसर, विद्यार्थी यहाँ तक कि आम मजदुर पर भी जूनून छाया है.
खैर सब ठीक है, दुआ करो कि सद्भावना के चक्कर में हमारी टीम मैच ना हार जाये. परीक्षा देने वाले मेरे जैसे तो परीक्षा ही देंगे, क्योंकि खेल तो आखिर खेल है, जिन्दगी का एक हिस्सा है छोटा सा, पूरी जिन्दगी नहीं है. जिसका जो काम है वो अपना काम करे और साथ में खेल का भी आनंद उठाये. देश कि टीम को अग्रिम बधाई और सुभकामनाये, कि वो मैच जीते और लोगो के दिल भी. पाकिस्तानी टीम के लिए भी सुभकामनाये.
"बज उठी रणभेरियाँ, कोलाहल मचने को है,
देख लेना दुनिया वालो, सेहरा हमे सजने को है"
शेष कुशल !
मनोज चारण.