Sunday, April 3, 2011

सितारों के आगे जहाँ और भी है !

              २८ सालों का सुखा  आखिर समाप्त हुआ है और धोनी और उसके धुरंधरों ने कपिल पाज़ी के कंधो का बोझ कम किया है. अकेले ही बेचारे १९८३ का वर्ल्डकप ढो रहे थे. खैर भारतवासियों को खुशियाँ मनाने का पूरा हक़ है, ऑफ़ क्यों नहीं होना चाहिए आखिर हमारे हनुमानों ने एक बार फिर लंका फतह की है. मेरे देश के इन                             नोजवानो को ढेरों बधाई. सचिन के लिए तो ये और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है की वो इस टीम का सदस्य है, जिसने वर्ल्डकप जीता है, ये एक ही तो कप था जिसमे सचिन ने पेप्सी नहीं पी थी, अब इसमें जी भर के सैम्पेन पी लेना सचिनजी ! 
               युवराज ने तो इस पूरे वर्ल्डकप में कमल कर दिया और कल उसका एक नया रूप देख कर मजा आ गया, पता ही नहीं था की इस रूखे चेहरे वाले इस कठोर आदमी में एक प्यारा दिल भी है और ऐसा दिल जो      बाग-बाग  ही नहीं हो रहा था बल्कि रो भी रहा था. भज्जी जैसे आदमी के आंसू देखे तो लगा की चलो अभी भारतीय अपनी जमीन पर ही है, जमीन को भूले नहीं है. पूरे देश को नाज है इन चंद नोजवानो पर जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी समझी है, हर बार. 
               मैच सुरु होने के बाद तक इस बार मैंने धोनी को जी भर के गाली दी थी पर अब जी भर के दाद भी दे रहा हूँ. गाली इसलिए की उसने पूरे टूर्नामेंट में एक बार भी अपना असली खेल नहीं दिखाया था, पर सोरी बोस आपकी स्पेशल पारी एक स्पेशल मैच के लिए बाकि थी तुमने देश के लिए वो पारी खेल कर सरे गिले दूर कर दिए मेरे भाई. गंभीर ने तो वो क्लास दिखाई है जैसी द्रविड़ में  थी. सभी को मेरा सलाम. 
                 पर एक बात और है जो सबसे बड़ी है, ये तो क्रिकेट में हम विजेता बने है, बैडमिन्टन में बने है, कब्बडी में बने है, बोक्सिंग में बने है, सूटिंग में बने है, पर असली हीरो हम तब बनेगे जब हम होकी, फूटबाल, तैराकी, एथेलिटिक जैसे सभी खेलों में आगे होंगे और ओलोंपिक में सबसे आगे होंगे. जैसे इस विजय पर सारा देश नचा है, अफ़सोस कि सारा देश अन्य खेलों में जीतने पर ऐसे नहीं नाचता है, ये गलत बात है. मैं ध्यान खींचना चाहता हूँ सभी का चाहे वो प्रधानमंत्री हो या कोई और देश कि जनता हो या फिर खुद क्रिक्केटर कि इस देश में कुछ खिलाडियों को तो पैसो में डुबोया जा रहा है, और कुछ को अपनी तनख्वा के लिए भी भूख हड़ताल करनी पड़ती है. ये नहीं होना चाहिए, ये बुरी बात है. 
                     इसलिए कह रहा हूँ कि 
                                                       "सितारों    के   आगे   जहाँ   और   भी     है,
                                                        अभी तो जमी जीती है, आसमा और भी है."

देश को इस सुभ मोके पर ढेरों बधाई, जय हिंद.
शेष कुशल.
मनोज चारण. 




No comments:

Post a Comment